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भारत में नागरिकता

संविधान के भाग-2 ( अनुच्छेद 5 से 11 ) में नागरिकता से जुड़े प्रावधान है । जिसमें व्यक्ति को भारत की नागरिकता कैसे मिलेगी इसका संपूर्ण विवरण दिया गया है।

नागरिकता किसे कहते हैं ?

वे व्यक्ति जिनको देश में समस्त राजनीतिक , संवैधानिक तथा विविध अधिकार प्राप्त होते हैं। वह व्यक्ति उस देश का नागरिक होता है और जिस संविधान से वह उस देश का नागरिक होता है उसे ही नागरिकता कहते हैं।

भारत में नागरिकता का आधार :(1) जन्म  (2) वंश क्रम / रक्त संबंध

  • 15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक अनुच्छेद 5 6 7 व 8 संविधान लागू होने के समय नागरिकता का नियमन करता है।
  • 26 जनवरी 1950 के बाद नागरिकता के नियम का दायित्व संविधान के अनुच्छेद 11 के तहत संसद को सौंप दिया गया है।
  • संसद द्वारा नागरिकता के अधिनियम के लिए भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 बनाया गया है।

  • पैरामेडिकल की जानकारी ;- click hear

इसके आधार पर 5 विधियों से जिससे भारत में नागरिकता प्राप्त की जा सकती है :-

(01) जन्म से :- 26 जनवरी 1950 से 1986 तक से समस्त व्यक्ति जो भारत में पैदा हुए , भारत के नागरिक होंगे। 1986 से भारत में जन्मा वही व्यक्ति भारत का नागरिक होगा जिसके माता-पिता में से कोई भी एक भारत के नागरिक हो।

(02) वंश क्रम / रक्त संबंध :- 26 जनवरी 1950 के बाद विदेशों में जन्म लेने वाले को भी भारतीय नागरिकता प्राप्त होगी , यदि उसके जन्म के समय उसके माता-पिता भारत के नागरिक थे। 1992 के बाद माता-पिता में से कोई भी एक भारत के नागरिक हैं , तो भी भारतीय नागरिक कहलाएंगे।

(03) पंजीकरण :- भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति अथवा किसी भारत के नागरिक से विवाह करने वाला विदेशी भारत की नागरिकता ग्रहण कर सकता है , लेकिन पंजीकरण के समय 5 वर्ष से भारत में लगातार रह रहा हो। {Tip -- 6 जनवरी 2015 को किए गए नागरिक संशोधन अध्यादेश के अनुसार वर्तमान में पंजीयन करण के लिए 1 वर्ष तक की निवास अवधि अनिवार्य कर दिया गया है।}

(04) देशीकरण :- कोई भी विदेशी देशीकरण  द्वारा यदि वह आवेदन देने के समय विगत 1 वर्ष तक निवासरत रहा हो और उसे किसी एक स्थानीय भाषा का ज्ञान हो तो वह नागरिकता ले सकता है।

(05) भूमि अधिग्रहण :- यदि भारत सरकार किसी विदेशी क्षेत्र पर अपना अधिग्रहण करती है तो उस स्थान या क्षेत्र में निवास करने वाले को स्वत ही भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। उदाहरण :- गोवा पांडिचेरी।

इन 5 तरीकों से भारत में नागरिकता पाई जा सकती है और आधिकारिक तौर पर यहां की नागरिकता मिलने के पश्चात  यहां समस्त राजनीतिक , संवैधानिक एवं विविध अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।

नागरिकता का त्याग या समाप्त होना:-

(01) स्वेच्छा से :- व्यक्ति स्वेच्छा से भारत की नागरिकता त्याग सकता है।

(02) विदेशी नागरिकता ग्रहण करने पर :- अनुच्छेद 09 के तहत यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी देश की नागरिकता लेता है तो उसी समय भारत की नागरिकता उसकी  समाप्त हो जाएगी।

(03) देशद्रोह का आरोप सिद्ध होने पर :- नागरिक द्वारा यदि कोई ऐसा कार्य किया गया हो जो देश के खिलाफ हो और उस पर कोई देशद्रोह का आरोप सिद्ध हो जाता है तो उसे उसकी नागरिकता समाप्त कर दी जाती है।

(04) गलत तरीके से ली गई नागरिकता:- गलत तथ्य या सूचना के आधार पर फर्जी डॉक्यूमेंट देकर के नागरिकता हासिल करने वालों की नागरिकता समाप्त कर दी जाती है।

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