नोबेल पुरस्कार 2019 प्राप्त करने वाले वैज्ञानिकों के नाम और उनके योगदान
रसायन के क्षेत्र में
रसायन के क्षेत्र में साल 2019 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है ।
1, जॉन बी गुडइनफ
2, एम स्टैनली विटिंघम
3, अकीरा योशिनों
को लिथियम आयरन बैटरी के विकास में अहम भूमिका के लिए दिया गया है।
पूरा थेवरी वीडियो में देखे :- यहाँ Click करे
दिलचस्प बात यह है कि 97 वर्षीय जॉन गुड इनफ में ही गिलास बैटरी भी बनाई है । ग्लास बैटरी में ग्लास इलेक्ट्रोलाइट और लिथियम या सोडियम धातु इलेक्ट्रोड का कमाल किया गया है । यह बैटरी ई रिक्शा में इस्तेमाल के लिए भी बेहतर है। इसे ई-रिक्शा का भविष्य कहा जा रहा है। गुड इनफ किसी भी विषय में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे बुजुर्ग विजेता है। पिछले वर्ष 96 साल के अर्थ अश्विन को भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था।
1922 मैं जर्मन में पैदा हुए गुड इनफ वर्तमान में अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।
1941 में यूके में जन्मे स्टैनली अमेरिका में बिट्टन गम विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं।
1948 में जापान में जन्म लिए योसीनों में जो मिजो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
3 गुना अधिक पावर देती है glass battery
इसका वीडियो देखने के लिए यहाँ Click करें।
रसायन के क्षेत्र में
रसायन के क्षेत्र में साल 2019 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है ।
1, जॉन बी गुडइनफ
2, एम स्टैनली विटिंघम
3, अकीरा योशिनों
को लिथियम आयरन बैटरी के विकास में अहम भूमिका के लिए दिया गया है।
पूरा थेवरी वीडियो में देखे :- यहाँ Click करे
दिलचस्प बात यह है कि 97 वर्षीय जॉन गुड इनफ में ही गिलास बैटरी भी बनाई है । ग्लास बैटरी में ग्लास इलेक्ट्रोलाइट और लिथियम या सोडियम धातु इलेक्ट्रोड का कमाल किया गया है । यह बैटरी ई रिक्शा में इस्तेमाल के लिए भी बेहतर है। इसे ई-रिक्शा का भविष्य कहा जा रहा है। गुड इनफ किसी भी विषय में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे बुजुर्ग विजेता है। पिछले वर्ष 96 साल के अर्थ अश्विन को भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था।
1922 मैं जर्मन में पैदा हुए गुड इनफ वर्तमान में अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।
1941 में यूके में जन्मे स्टैनली अमेरिका में बिट्टन गम विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं।
1948 में जापान में जन्म लिए योसीनों में जो मिजो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
जीवाश्म ईंधन से मुक्त समाज की ओर बढ़ने की दिशा में अपूर्व योगदान ।
मोबाइल नोटबुक में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है ।निर्णायक मंडल ने कहा इन हल्की पुनः रिचार्ज हो सकने वाली और शक्तिशाली बैटरियों का इस्तेमाल अब मोबाइल से लेकर के लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों आदि में होता है। इनमें सौर और पवन ऊर्जा की अच्छी खासी मात्रा संग्रहित की जा सकती है। जिससे पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन से मुक्त समाज की ओर बढ़ना संभव होगा।
गैर ज्वलनशील सुरक्षित व फास्ट चार्जिंग वाली ग्लास बैटरी लिक्विड लिथियम आयन बैटरी से 3 गुना अधिक पावर देती है। इसका निर्माण जॉन गुड इनफ द्वारा विकसित की गई है।
इसकी बैटरी लाइफ भी अधिक है। इस solid-state बैटरी की चार्जिंग में लिथियम आयन बैटरी की तुलना में बहुत कम समय लगता है। यानी यह घंटों में नहीं बल्कि कुछ ही मिनटों में चार्ज हो जाती है ।इसके इलेक्ट्रोलाइट्स की कंडक्टिविटी ज्यादा होने के कारण यह बेहद ठंडे इलाकों में भी आसानी से काम कर सकती है। इस बैटरी का इस्तेमाल चाहे कार में हो या फिर मोबाइल फोन में इसके जलने या फटने का चांस कम होता है यानी यह ज्यादा सुरक्षित है। यही नहीं यह बैटरी ज्यादा देर तक काम करती है।
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